भारतीय मूल के कार चोर पर 12 करोड़ 70 लाख रु.का जुर्माना, कोर्ट ने 8 साल की सजा भी सुनाई

भारतीय मूल के चिराग पटेल पर ब्रिटिश अदालत ने शुक्रवार को 12 करोड़, 70 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। दरअसल, पटेल (40) करीब 6.5 करोड़ रुपए कीमत की 19 गाड़ियां चुराने का दोषी है। अदालत ने उसे पिछले साल 8 साल की सजा भी सुनाई थी। क्रॉयडन क्राउन कोर्ट ने कहा- जुर्माना अदा न करने की स्थिति में उसे 10 साल जेल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।



क्रॉयडन क्राउन कोर्ट ने पटेल को अक्टूबर 2018 में 5 सप्ताह की सुनवाई के बाद 8 साल की सजा सुनाई थी। उसे चोरी की 19 गाड़ियां रखने और 9 अतिरिक्त वाहनों की चाबियां चुराने का दोषी पाया गया था। उस पर करीब 50 लाख रु. की आपराधिक संपत्ति रखने का अपराध भी साबित हुआ था। उसने 3 बैंक खातों में इस धन को रखा था, इस मामले में उसे 3 साल की सजा दी गई थी।


घर के बेसमेंट में मिली थीं महंगी गाड़ियां
पटेल को गंभीर अपराध जांच विभाग के अधिकारियों ने फरवरी 2015 में उसके घर के बेसमेंट में 5 महंगी गाड़ियां मिलने के बाद गिरफ्तार किया था। जांच में सभी गाड़ियों की नंबर प्लेट फर्जी निकली। बाद में सभी गाड़ियों के चोरी की होने की बात का खुलासा हुआ। इस मामले में उसके खिलाफ अप्रैल 2017 में आरोप पत्र दाखिल हुआ, जिसमें अदालत ने अक्टूबर, 2018 में सजा सुनाई थी।


जगुआर-लैंड रोवर के प्लांट में भी की चोरी
अधिकारियों ने उससे कारों की चाबियों के 26 सेट बरामद किए। उसके पास कई गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन का ब्यौरा, ऑन-बोर्ड कंप्यूटर तक पहुंचने के लिए मशीनें और प्रोग्रामिंग की सहित कई मोबाइल फोन, टैबलेट और लैपटॉप भी मिले थे। उसने जगुआर लैंड रोवर के वेस्ट मिडलैंड्स प्लांट से कारों की 9 सेट-की भी चुराई थीं। सभी चोरियां लंदन में अक्टूबर 2012 और जनवरी 2015 के बीच की गईं।


बीमा कागजात में हेरफेर करके गाड़ियों की पहचान छुपाई
पटेल चुराई गई गाड़ियों को "ऑफ-द-बुक्स" तरीके से अपने परिचितों या उनके संपर्क वाले व्यक्तियों को किराए पर देता था। सभी गाड़ियों की पहचान वाहनों के बीमा कागजात में हेरफेर करके छिपाई गई थी। क्रॉयडन में क्राउन कोर्ट में चल रहे मुकदमे में उसने सहयोग नहीं किया था, जिसके बाद पुलिस को मंहगी गाड़ियों की बड़े पैमाने पर चोरी के मामले में लंबी जांच-पड़ताल करनी पड़ी।


मेट्रोपॉलिटन पुलिस के एक्टिंग डिटेक्टिव सार्जेंट बिली क्लो ने कहा- हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने वाले व्यक्तियों की पहचान की जाए और उन पर मुकदमा चलाकर आपराधिक संपत्ति जब्त की जाए।